भगवान विष्णु हिंदू धर्म में प्रमुख देवताओं में से एक हैं और उन्हें ब्रह्मांड का संरक्षक माना जाता है। उनकी भूमिका धर्म को बनाए रखना और दुनिया को विनाश से बचाना है। भगवान विष्णु के 108 नाम (Vishnu Ji Ke 108 Naam), जिन्हें विष्णु सहस्रनाम के नाम से जाना जाता है, भक्तों द्वारा अत्यधिक पूजनीय हैं और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में पाए जाते हैं।
प्रत्येक नाम भगवान विष्णु के विभिन्न गुणों, पहलुओं और भूमिकाओं को समाहित करता है, जो उनकी सर्वशक्तिमानता, सर्वज्ञता और सर्वव्यापीता को प्रदर्शित करता है। यहां इन नामों द्वारा दर्शाए गए कुछ पहलुओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
निर्माता, पालनकर्ता और संहारक (Vishnu Ji Ke108 Naam)
भगवान विष्णु न केवल निर्माता हैं बल्कि ब्रह्मांड के पालनकर्ता और संहारक भी हैं।
सर्वोच्च शक्ति और नियंत्रक
कई नाम विष्णु की सर्वोच्च शक्ति और ब्रह्मांड पर नियंत्रण पर जोर देते हैं,
रक्षक और उद्धारकर्ता
विष्णु को अक्सर भक्तों और धार्मिकता के रक्षक और उद्धारकर्ता के रूप में चित्रित किया जाता है। “
शाश्वत और अपरिवर्तनीय
भगवान विष्णु समय से परे और अपरिवर्तनीय हैं।
आध्यात्मिक पहलू
कई नाम विष्णु के आध्यात्मिक महत्व को उजागर करते हैं,
प्रतीकवाद और प्रतिमा विज्ञान
कुछ नाम विष्णु के प्रतिष्ठित रूपों और प्रतीकों को दर्शाते हैं,
ये नाम सामूहिक रूप से भगवान विष्णु की दिव्य प्रकृति, गुणों और लौकिक जिम्मेदारियों की व्यापक समझ प्रदान करते हैं, जो भक्तों को उनकी महानता पर विचार करने और उनकी आध्यात्मिक यात्रा में उनका आशीर्वाद लेने के लिए प्रेरित करते हैं।
विष्णुजी के 108 नाम (Vishnu Ji Ke108 Naam) इस प्रकार हैI
| No | नाम | नाम मंत्र | नाम का अर्थ |
| 1. | विष्णु | ॐ विष्णवे नमः। | हर जगह विराजमान रहने वाले |
| 2. | लक्ष्मीपति | ॐ लक्ष्मीपतये नमः। | देवी लक्ष्मी के पती |
| 3. | कृष्ण | ॐ कृष्णाय नमः। | काले रंग वाले |
| 4. | नारायण | ॐ नारायणाय नमः। | ईश्वर, परमात्मा |
| 5. | गरुडध्वजा | ॐ गरुडध्वजाय नमः। | गरुड़ पर सवार होने वाले |
| 6. | वषट्कार | ॐ वषट्कार नमः। | यज्ञ से प्रसन्न होने वाले |
| 7. | भूतात्मा | ॐ भूतात्मा नमः। | ब्रह्मांड के सभी प्राणियों की आत्मा में वास करने वाले |
| 8. | पूतात्मा | ॐ पूतात्मा नमः। | शुद्ध छवि वाले प्रभु |
| 9. | परमात्मा | ॐ परमात्मा नमः। | श्रेष्ठ आत्मा |
| 10. | मुक्तानां परमागति | ॐ मुक्तानां परमागति नमः। | मोक्ष प्रदान करने वाले |
| 11. | अव्यय | ॐ अव्यय नमः। | हमेशा एक रहने वाले |
| 12. | पुरुष | ॐ पुरुष नमः। | हर जन में वास करने वाले |
| 13. | साक्षी | ॐ साक्षी नमः। | ब्रह्मांड की सभी घटनाओं के साक्षी |
| 14. | क्षेत्रज्ञ | ॐ क्षेत्रज्ञ नमः। | क्षेत्र के ज्ञाता |
| 15. | पद्मनाभा | ॐ पद्मनाभाय नमः। | जिनके पेट से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई |
| 16. | हृषीकेश | ॐ हृषीकेशाय नमः। | सभी इंद्रियों के स्वामी |
| 17. | योग | ॐ योग नमः। | श्रेष्ठ योगी |
| 18. | माधव | ॐ माधवाय नमः। | देवी लक्ष्मी के पति |
| 19. | योगाविदां नेता | ॐ योगाविदां नेता नमः। | सभी योगियों का स्वामी |
| 20. | प्रधानपुरुषेश्वर | ॐ प्रधानपुरुषेश्वर नमः। | प्रकृति और प्राणियों के भगवान |
| 21. | नारसिंहवपुष | ॐ नारसिंहवपु नमः। | नरसिंह रूप धरण करने वाले |
| 22. | भूतभावन | ॐ भूतभावन नमः। | ब्रह्मांड के सभी प्राणियों का पोषण करने वाले |
| 23. | भाव | ॐ भाव नमः। | सम्पूर्ण अस्तित्व वाले |
| 24. | श्रीमान् | ॐ श्रीमान् नमः। | देवी लक्ष्मी के साथ रहने वाले |
| 25. | केशव | ॐ केशवाय नमः। | सुंदर बाल वाले |
| 26. | उपेन्द्र | ॐ उपेन्द्राय नमः। | इंद्र का भाई |
| 27. | पुरुषोत्तम | ॐ पुरुषोत्तम नमः। | श्रेष्ठ पुरुष |
| 28. | सर्व | ॐ सर्व नमः। | संपूर्ण या जिसमें सब चीजें समाहित हों |
| 29. | शर्व | ॐ शर्व नमः। | बाढ़ में सब कुछ नाश करने वाले |
| 30. | शिव | ॐ शिव नमः। | सदैव शुद्ध रहने वाले |
| 31. | स्थाणु | ॐ स्थाणु नमः। | स्थिर रहने वाले |
| 32. | भूतादि | ॐ भूतादि नमः। | सभी को जीवन देने वाले |
| 33. | निधिरव्यय | ॐ निधिरव्यय नमः। | अमूल्य धन के समान |
| 34. | सम्भव | ॐ सम्भव नमः। | सभी घटनाओं में स्वामी |
| 35. | भावन | ॐ भावन नमः। | भक्तों को सब कुछ देने वाले |
| 36. | भर्ता | ॐ भर्ता नमः। | सम्पूर्ण ब्रह्मांड के संचालक |
| 37. | चतुर्भुज | ॐ चतुर्भुजाय नमः। | चार भुजाओं वाले |
| 38. | प्रभव | ॐ प्रभव नमः। | सभी चीजों में उपस्थित होने वाले |
| 39. | प्रभु | ॐ प्रभु नमः। | सर्वशक्तिमान प्रभु |
| 40. | ईश्वर | ॐ ईश्वर नमः। | पूरे ब्रह्मांड पर अधिपति |
| 41. | स्वयम्भू | ॐ स्वयम्भू नमः। | स्वयं प्रकट होने वाले |
| 42. | शम्भु | ॐ शम्भु नमः। | खुशियां देने वाले |
| 43. | आदित्य | ॐ आदित्य नमः। | देवी अदिति के पुत्र |
| 44. | पुष्कराक्ष | ॐ पुष्कराक्ष नमः। | कमल जैसे नयन वाले |
| 45. | मत्स्यरूप | ॐ मत्स्यरूपाय नमः। | भगवान मत्स्य – भगवान विष्णु का अवतार |
| 46. | महास्वण | ॐ महास्वण नमः। | वज्र की तरह स्वर वाले |
| 47. | अनादिनिधन | ॐ अनादिनिधन नमः। | जिनका न आदि है एयर न अंत |
| 48. | धाता | ॐ धाता नमः। | सभी का समर्थन करने वाले |
| 49. | विधाता | ॐ विधाता नमः। | सभी कार्यों व परिणामों की रचना करने वाले |
| 50. | धातुरुत्तम | ॐ धातुरुत्तम नमः। | ब्रह्मा से भी महान |
| 51. | अप्रेमय | ॐ अप्रेमय नमः। | नियम व परिभाषाओं से परे |
| 52. | अमरप्रभु | ॐ अमरप्रभु नमः। | अमर रहने वाले |
| 53. | विश्वकर्मा | ॐ विश्वकर्मा नमः। | ब्रह्मांड के रचयिता |
| 54. | मनु | ॐ मनु नमः। | सभी विचार के दाता |
| 55. | त्वष्टा | ॐ त्वष्टा नमः। | बड़े को छोटा करने वाले |
| 56. | स्थविरो ध्रुव | ॐ स्थविरो ध्रुव नमः। | प्राचीन देवता |
| 57. | अग्राह्य | ॐ अग्राह्य नमः। | मांसाहार का त्याग करने वाले |
| 58. | सममित | ॐ सममित नमः। | सभी प्राणियों में असीमित रहने वाले |
| 59. | समात्मा | ॐ समात्मा नमः। | सभी के लिए एक जैसे |
| 60. | सत्य | ॐ सत्य नमः। | सत्य का समर्थन करने वाले |
| 61. | अच्युत | ॐ अच्युत नमः। | कभी न चूकने वाले |
| 62. | वसुमना | ॐ वसुमना नमः। | सौम्य हृदय वाले |
| 63. | वसु | ॐ वसु नमः। | सभी प्राणियों में रहने वाले |
| 64. | सर्वयोगविनि | ॐ सर्वयोगविनि:सृत नमः। | सभी योगियों के स्वामी |
| 65. | अमेयात्मा | ॐ अमेयात्मा नमः। | जिनका कोई आकार नहीं है। |
| 66. | वृषाकपि | ॐ वृषाकपि नमः। | धर्म और वराह का अवतार लेने वाले |
| 67. | सर्वादि | ॐ सर्वादि नमः। | सभी क्रियाओं के प्राथमिक कारण |
| 68. | सिद्धि | ॐ सिद्धि नमः। | कार्यों के प्रभाव देने वाले |
| 69. | सिद्ध | ॐ सिद्ध नमः। | सब कुछ करने वाले |
| 70. | सर्वेश्वर | ॐ सर्वेश्वर नमः। | सम्पूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी |
| 71. | अज | ॐ अज नमः। | जिनका जन्म नहीं हुआ |
| 72. | सर्वदर्शन | ॐ सर्वदर्शन नमः। | सब कुछ देखने वाले |
| 73. | प्रत्यय | ॐ प्रत्यय नमः। | ज्ञान का अवतार कहे जाने वाले |
| 74. | व्याल | ॐ व्याल नमः। | नाग द्वारा कभी न पकड़े जाने वाले |
| 75. | सम्वत्सर | ॐ सम्वत्सर नमः। | अवतार लेने वाले |
| 76. | अह्र | ॐ अह्र नमः। | दिन की तरह चमकने वाले |
| 77. | प्रजाभव | ॐ प्रजाभव नमः। | भक्तों के अस्तित्व के लिए अवतार लेने वाले |
| 78. | विश्वरेता | ॐ विश्वरेता नमः। | ब्रह्मांड के रचयिता |
| 79. | शरणम | ॐ शरणम नमः। | शरण देने वाले |
| 80. | सुरेश | ॐ सुरेश नमः। | देवों के देव |
| 81. | आत्मवान | ॐ आत्मवान नमः। | सभी मनुष्य में वास करने वाले |
| 82. | कृति | ॐ कृति नमः। | कर्मों का फल देने वाले |
| 83. | कृतज्ञ | ॐ कृतज्ञ नमः। | अच्छाई- बुराई का ज्ञान देने वाले |
| 84. | दुराधर्ष | ॐ दुराधर्ष नमः। | सफलतापूर्वक हमला न करने वाले |
| 85. | अनुत्तम | ॐ अनुत्तम नमः। | श्रेष्ठ ईश्वर |
| 86. | क्रम | ॐ क्रम नमः। | हर जगह वास करने वाले |
| 87. | विक्रम | ॐ विक्रम नमः। | ब्रह्मांड को मापने वाले |
| 88. | मेधावी | ॐ मेधावी नमः। | सर्वज्ञाता |
| 89. | धन्वी | ॐ धन्वी नमः। | श्रेष्ठ धनुष- धारी |
| 90. | विक्रमी | ॐ विक्रमी नमः। | सबसे साहसी भगवान |
| 91. | ईश्वर | ॐ ईश्वर नमः। | सबको नियंत्रित करने वाले |
| 92. | मधुसूदन | ॐ मधुसूदन नमः। | रक्षक मधु के विनाशक |
| 93. | भूगर्भ | ॐ भूगर्भ नमः। | खुद के भीतर पृथ्वी का वहन करने वाले |
| 94. | प्रजापति | ॐ प्रजापति नमः। | सभी के मुख्य |
| 95. | श्रेष्ठ | ॐ श्रेष्ठ नमः। | सबसे महान |
| 96. | ज्येष्ठ | ॐ ज्येष्ठ नमः। | सबसे बड़े प्रभु |
| 97. | प्राण | ॐ प्राण नमः। | जीवन के स्वामी |
| 98. | प्राणद | ॐ प्राणद नमः। | प्राण देने वाले |
| 99. | ईशान | ॐ ईशान नमः। | हर जगह वास करने वाले |
| 100. | मंगलपरम् | ॐ मंगलपरम् नमः। | श्रेष्ठ कल्याणकारी |
| 101. | पवित्रां | ॐ पवित्राम् नमः। | हृदया पवित्र करने वाले |
| 102. | त्रिककुब्धाम | ॐ त्रिककुब्धाम नमः। | सभी दिशाओं के भगवान |
| 103. | प्रभूत | ॐ प्रभूत नमः। | धन और ज्ञान के दाता |
| 104. | भूतभव्यभवत्प्रभ | ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः। | भूत, वर्तमान और भविष्य के स्वामी |
| 105. | प्रतर्दन | ॐ प्रतर्दन नमः। | बाढ़ के विनाशक |
| 106. | लोहिताक्ष | ॐ लोहिताक्ष नमः। | लाल आँखों वाले |
| 107. | शाश्वत | ॐ शाश्वत नमः। | हमेशा अवशेष छोड़ने वाले |
| 108. | अग्राह्य | ॐ अग्राह्य नमः। | मांसाहार का त्याग करने वाले |
विष्णु भगवान के 108 नाम के साथ यह भी पढ़ें विष्णु चालीसा (हिंदी) / Vishnu Chalisa (English)